एक साधारण ढाबे से बना 100 करोड़ का साम्राज्य — अमरिक सुखदेव की सफलता की कहानी
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| ढाबा कहाँ स्थित है और क्या खास है? | यह ढाबा हरियाणा के मुरथल में NH-44 पर स्थित है। कभी साधारण ढाबा था, आज यह करीब 100 करोड़ रुपये की सालाना कमाई करता है और भारत के सबसे मशहूर ढाबों में गिना जाता है। |
| रोज़ कितने लोग आते हैं? | इंस्टाग्राम क्रिएटर रॉकी सग्गू के अनुसार, यहां हर दिन 5,000 से 10,000 ग्राहक आते हैं और हर ग्राहक औसतन 45 मिनट ही रुकता है, जिससे ऑपरेशन बहुत तेज़ होता है। |
| ढाबा कितने लोगों को रोजगार देता है? | ढाबा लगभग 500 कर्मचारियों को रोजगार देता है और इसमें करीब 150 टेबल हैं। यह 24 घंटे खुला रहता है और रात में कॉलेज स्टूडेंट्स और वीकेंड्स पर फैमिली की भारी भीड़ रहती है। |
| इसकी शुरुआत कैसे हुई? | इसकी स्थापना 1956 में सरदार प्रकाश सिंह ने की थी। तब यह ढाबा सिर्फ ट्रक ड्राइवरों को दाल-रोटी खिलाता था और ग्राहक खाट पर बैठकर खाते थे। |
| ढाबे में क्या बदलाव हुए? | 1990 में उनके बेटे अमरिक और सुखदेव ने इसे मॉडर्न रूप दिया, मेन्यू बढ़ाया और साउथ इंडियन खाना भी शामिल किया। अब यह बिना विज्ञापन के एक ब्रांड बन चुका है। |
| अंतरराष्ट्रीय मान्यता कब मिली? | जनवरी में TasteAtlas ने इसे दुनिया के टॉप 100 रेस्टोरेंट्स में शामिल किया। यह उपलब्धि बिना किसी मार्केटिंग के हासिल हुई, जो इसकी लोकप्रियता और गुणवत्ता को दर्शाती है। |
🧠 Public Opinion
“एक ढाबा, जिसने ना सिर्फ स्वाद बल्कि रोज़गार और पहचान में भी मिसाल कायम की है।”
लोगों का कहना है कि अमरिक सुखदेव ढाबा एक उदाहरण है कि मेहनत, गुणवत्ता और निरंतरता से कैसे एक छोटा व्यवसाय भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकता है।
⚠️ Disclaimer
Bintin Media इस खबर में दी गई वित्तीय जानकारी की स्वतंत्र पुष्टि नहीं करता। यह रिपोर्ट TasteAtlas लिस्टिंग, सोशल मीडिया स्रोतों और पब्लिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों पर आधारित है। यह खबर केवल जनहित में प्रस्तुत की गई है।



