8 साल पुराने स्टॉकिंग मामले की सुनवाई अभी चल रही है, आरोपों के बावजूद नियुक्ति पर बवाल
| Heading | Content |
|---|---|
| व्यक्ति का नाम | विकास बराला (BJP राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के पुत्र) |
| नई नियुक्ति | असिस्टेंट एडवोकेट जनरल, हरियाणा |
| विवाद का कारण | 2017 में यौन उत्पीड़न, स्टॉकिंग और अपहरण की कोशिश के मामले में आरोपी, केस अभी चंडीगढ़ कोर्ट में लंबित |
| शिकायतकर्ता | वर्णिका कुंडू (IAS अधिकारी वी.एस. कुंडू की पुत्री) |
| मामला | 5 अगस्त 2017 की रात चंडीगढ़ में कार से पीछा करने, गाड़ी रोकने और जबरदस्ती अंदर घुसने की कोशिश का आरोप |
| धाराएं | IPC 354D (स्टॉकिंग), 341 (गलत तरीके से रोकना), 365 (अपहरण की कोशिश), 511 और नशे में गाड़ी चलाने की धाराएं |
| सह-आरोपी | आशीष कुमार (विकास का दोस्त) |
| वर्तमान स्थिति | विकास बराला बेल पर है, मुकदमा अभी भी कोर्ट में विचाराधीन |
| नियुक्ति पर प्रतिक्रिया | विपक्ष, महिला संगठनों और सोशल मीडिया पर इस नियुक्ति को लेकर भारी विरोध |
🗣️ Public Opinion:
“एक तरफ सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियान चलाती है, वहीं दूसरी ओर यौन उत्पीड़न के आरोपी को सरकारी वकील नियुक्त करना पूरे तंत्र पर सवाल उठाता है। यह न्याय प्रक्रिया का मज़ाक उड़ाने जैसा है और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दोहरे मापदंड दर्शाता है।”
⚠️ Disclaimer:
यह रिपोर्ट सार्वजनिक सूचना और समाचार स्रोतों पर आधारित है। अदालत में दोष सिद्ध होने तक विकास बराला को कानूनी रूप से निर्दोष माना जाएगा। इस विषय में अंतिम निष्कर्ष अदालत के फैसले के बाद ही माना जाएगा।



